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Wednesday, 21 February 2018

Motivational Tips For Exam Preparation

Motivational Tips For Exam preparation In Hindi

पढ़ाई की एक खूबी है। जब इसे मजबूरी में करना पड़े तो ये बोझ बन जाती है। और अगर इच्छा से किया जाए तो दिललगी बन जाती है। ठीक वैसे ही है जैसे अगर आपको जबरन किसी लड़की या फिर लड़के से शादी करना पड़े तो आपके लिए ये शादी बोझ बन जाती है। और अगर आपने इच्छा से शादी की है तो ये जिंदगी को झिंगालाला बना देती है।
motivational quotes for exam preparation
अब सवाल उठता है कि पढ़ाई से मोहब्बत कैसे की जाए? यानी पढ़ाई में मन कैसे लगाया जाए? दरअसल, पढ़ाई अगर आप इसलिए कर रहे हैं कि आपको इससे कुछ हासिल करना है तो आपको ये पढ़ाई बोझ लगने लगती है। क्योंकि आप इसलिए नहीं पढ़ रहे होते हैं कि आपको कुछ सीखना है बल्कि आप इसलिए पढ़ रहे होते हैं कि आपको कुछ हासिल करना है। हासिल करने का भाव आते ही सबसे पहले आपके मन में भय की उत्पत्ति होती है। ये भय कुछ केस में इतना भयावह हो जाता है कि आप आप पढ़ने से ही डरने लगते हैं। आपको लगता है कि अगर आपने इतनी पढ़ाई की और फिर भी आपको अपना लक्ष्य हासिल नहीं हुआ तो आप क्या करेंगे?

तो समझ में आया कि पढ़ाई में मन क्यों नहीं लगता? ये भय आपको पढ़ने नहीं देता क्योंकि आपने पढ़ाई का सीधा संबंध अपने लक्ष्य से जोड़ दिया। और आप जब पढ़ रहे होते हैं तो आपके मन में पढ़ाई की गूढ़ बातों से ज्यादा आपके लक्ष्य की चिंता होती है।

आपको थ्री इडियट्स फिल्म तो याद होगी। जिसमें रणछोड़ दास छाछल यानी आमिर खान पढ़ाई इसलिए नहीं करता कि उसे कुछ हासिल करना है बल्कि वो इसलिए पढ़ाई करता है कि क्योंकि उसे पढ़ने में मजा आता है। बस आप भी इस पढ़ाई के साथ इस मजे को जोड़ दिए। देखिए आपकी जिंदगी भी बदल जाएगी। आपके मन का वो भय खत्म हो जाएगा जो आपको अपके लक्ष्य की ओर बढ़ने से रोक रहा है। तो उठिए। फैसला लीजिए। आप इसलिए नहीं पढ़ेंगे कि आपको कुछ हासिल करना है। आपको पढ़ना इसलिए क्योंकि आपको कुछ सीखना है। जबतक सीखेंगे आगे बढ़ेंगे। जिस दिन सीखना बंद। खेल खत्म। 

Friday, 2 February 2018

कलेक्टर बनना है तो ये लेख जरूर पढ़ें, यकीन मानिए जिंदगी बदल जाएगी

ज्ञान+प्रेरणा=सफलता। दुनिया में कामयाब होेने का इससे सफलतम कोई फॉर्मूला नहीं है। अगर आप दुनिया में कुछ भी हासिल करना चाहते हैं तो सबसे जरूरी है ज्ञान। क्योंकि ज्ञान के बिना आप कुछ नहीं कर सकते हैं। और दूसरा है प्रेरणा। बिना प्रेरणा के भी आप लाख ज्ञानी होते हुए भी कुछ हासिल नहीं कर पाएंगे। अगर आप IAS बनना चाहते हैं तो नीचे Shiva Thakur Shiva‎ जी का ये लेख जरूर पढ़ लें यकीन मानिए इसे पढ़ने के बाद अापके भीतर ऊर्जा का ऐसा संचार होगा कि आप सबकुछ भूलकर सिर्फ IAS की तैयारी के बारे में सोचने लगेंगे।

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Shiva Thakur Shiva‎ सर का लेख जैसा उन्होंने फेसबुक पर लिखा हू-ब-हू पढ़िए।
पसंद आए तो शेयर जरूर करें।
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 - - #पढाई में जब मन ना लगे जनाब तो उस #माँ - बाप का चेहरा याद कर लिया करो जो #सारे मोहल्ले में गर्व से कहते हैं - मेरा बेटा #कलेक्टर बनेगा - - - #आज फ़िर कहता हूँ दोस्तों - -#I.a.s - - - - - - तुम्हारी सबसे #बड़ी चाहत , तुम्हारी असली खुशी , तुम्हारी जिंदगी , तुम्हारा संसार तुम्हारे माँ - बाप हैं वो तुम्हारा पहला प्यार हैं तुम उनसे #बेवफ़ाई कैसे कर सकते हो - स्मरण रहे जो पहले प्यार के प्रति वफादार हैं वो ही दूसरे प्यार के असली हकदार हैं - दोस्तों - तुम्हारी आँखो को जिसने सपने दिखाये , तुम्हारी #हर बड़ी मुसीबत के वक्त तुम्हारे #सर पर उनका हाथ रहा - जिसकी उँगली पकड़कर तुमने चलना सीखा और जिन आँखो ने ये ख्वाब देखा की मेरा #बच्चा एक दिन मेरा नाम रोशन करेगा , जो मैं नही कर सका वो मेरी बेटी करेगी वो मेरा बेटा करेगा वो आज तक तेरे चेहरे को देखकर अपने सारे ग़म भुलाते आये हैं - उन्हे तुम पर #भरोसा हैं तब बताओ मुझे तुम क्यों नही अपने ख्वाबों को साकार करने के लिये कोई क़दम आगे बढ़ा रहे हो ? आखिर क्यों #खामोश बैठे हो ? क्यों नही मेहनत करना चाहते हो ? क्या यही तुम्हारा प्यार हैं ? क्या यही तुम्हारा कर्तव्य हैं ? अरे #जनाब जब पढाई में मन ना लगे तो उस बाप का चेहरा याद कर लिया करो जो सारे मोहल्ले में #छाती पीटते फिरते हैं - अरे मेरा बेटा तो कलेक्टर ही बनेगा मुझे उस पर भरोसा हैं वो #कभी मेरा सर नीचा नही करेगा - याद करो उस #माँ को जो ना जाने कितने कष्ट सहन करती हैं और इसका तुम्हे वो एहसास तक नही होने देती हैं ताकि तुम दुखी ना हो - अपना #पेट काट - काट कर तुमको पढाया - लिखाया . और आज इस काबिल बनाया की तुम जो चाहो वो प्राप्त कर सको - फ़िर भी ये #चुप्पी क्यों साध रखी हैं ? आखिर क्यों #भूल जाते हो तुम की उन्होने हमारी खुशियों के लिये उन्होने अपनी #सारी खुशियाँ त्याग दी - सिर्फ इसलिये की चलो मेरी #जिंदगी जैसे #कटी ठीक हैं लेकिन मेरे बच्चो को कोई कष्ट ना हो किसी चीज़ की कमी ना हो जाय तो अब बोलो #तुम सब अब अपनी क्या जिम्मेदारी बनती हैं ? बस अब बहूत हुवा अब समय आ गया हैं तपस्या का , #मेहनतका , #त्याग का , कूछ कर गुजरने का और अपने ख्वाबों को पूरा करने का - अब अपने माँ - बाप के होठों पर मुस्कान लाने की , तो उठाओ अब #किताबों को और लगा दो अपनी जान पढ़ डालो इतिहास , #भूगोल , संविधान , विज्ञान सब कूछ

Thursday, 21 December 2017

IAS और PCS में सलेक्शन के लिए Notes कैसे बनाएं? प्रैक्टिकल उपाय

नोट्स सफलता का पहला मंत्र है. अगर आपके नोट्स स्तरहीन हैं तो सफलता के चांसेज बहुत कम हो जाते हैं. लेकिन अगर आपके नोट्स स्तरीय हैं तो सफलता के चांसेज बढ़ जाते हैं. तो सवाल ये है कि एक स्तरीय नोट्स कैसे बनाएं? एक अच्छे नोट्स की क्या-क्या खासियत होनी चाहिए? आप नोट्स में ऐसा क्या लिखें जो आपको सफलता की ओर ले चले? आज हम आपको बिन्दुवार कुछ ऐसी गुढ़ बाते बताएंगे जिसे अपनाकर आप अपने नोट्स को स्तरीय बना सकते हैं. लेकिन उससे पहले नोट्स को लेकर कुछ गलत धारणाओं को समझना जरूरी है. तो आइए पहले समझते हैं नोट्स क्या नहीं है?
1-किताबों के अहम बिन्दुओं को सिर्फ कॉपी में नोट करना नोट्स नहीं है.
2-पांच-छह लोगों के नोट्स लेकर उसमें से अहम बातों को छांटना नोट्स नहीं है.
3-पूरी किताब को कॉपी में लिख लेना नोट्स नहीं है.
4-हर बिन्दुओं पर पांच-छह किताबों से प्वाइंट निकालकर लिखना नोट्स नहीं है.
तो सवाल ये है कि नोट्स क्या है? चलिए आपको बताते हैं कि नोट्स क्या है? नोट्स को कैसे बनाना चाहिए? नोट्स बनाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
दोस्तों किसी भी विषय पर नोट्स बनाने से पहले आपको ये तय करना होगा कि आप किस परीक्षा के लिए नोट्स बना रहे हैं. हम यहां पर आईएएस परीक्षा के लिए नोट्स बनाने की चर्चा कर रहे हैं. तो हम फोकस उसी पर करेंगे. आप बाकि परीक्षाओं के लिए भी इसी मैथेड से नोट्स बना सकते हैं.

मान लीजिए आप आधुनिक इतिहास विषय के लिए नोट्स बना रहे हैं। तो सबसे पहले आपके पास तीन चीज होनी जरूरी है. 
1-आधुनिक इतिहास का सलेबेस.
2-पिछले 10 साल का अनसॉल्व पेपर.
3-इतिहास की एक बेसिक किताब. ये किताब NCERT भी हो सकती है.

अगर आपको स्तरीय नोट्स बनाना है तो सबसे पहले आप आधुनिक इतिहास के सलेबस को कम से कम 2-3 बार पढ़ डालिए. फिर इसके बाद अनसॉल्व पेपर को लीजिए. कोशिश कीजिए अगर ऐसा अनसॉल्व पेपर मिल जाए जिसमें शीर्षक वाइज सवालों को छांटा गया है तो बहुत अच्छा होगा. इसके लिए यूथ प्रकाशन, घटनाचक्र प्रकाशन, अरिहंत प्रकाश से लेकर कई प्रकाशनों का सॉल्व आता है आप उसे भी ले सकते हैं.

इसके बाद आप सलेबस के हिसाब से देखिए कि किस टॉपिक से कितने सवाल पूछे जा रहे हैं? किस तरह के सवाल आ रहे हैं? सवालों की प्रकृति कैसे साल-दर-साल बदल रही है? इसे समझने के बाद आप बेसिक किताब उठाइए और उसे पहली बार में सरसरी निगाह से पढ़ डालिए. चाहे कुछ समझ में आये चाहे ना आए.

इसके बाद आप एक बार फिर सलेबेस देखिए और शीर्षक वाइज सवालों को पढ़िए. आपको समझ में आने लगेगा कि जो सवाल पूछे जा रहे हैं वो किताब में कहां पर हैं. अब फिर से बेसिक बुक पर जाइए और उसका गहन अध्ययन शुरू कीजिए. साथ में मार्कर या फिर हाईलाइट जरूर रखें. जैसे ही आपको लगे कि इस जगह से परीक्षा में सवाल आ रहे हैं उसे मार्क कर लें. इस एक्सर्साइज में थोड़ा वक्त लगेगा. लगने दें. क्योंकि इससे आपका किसी भी विषय पर बेसिक ज्ञान मजबूत होगा. ये आपके मजबूत बुनियाद की पहली ईंट है.

किताब पढ़ने के बाद आप सलेबेस और अनसॉल्व के सवालों को फिर से देखें. आपको अब समझ में आ जाएगा कि सलेबस में बहुत से ऐसे टॉपिक हैं जिससे परीक्षा में बहुत कम सवाल पूछे जाते हैं. और कुछ टॉपिक ऐसे होते हैं जिससे सबसे ज्यादा. अब आपको इन टॉपिको को अलग-अलग छांटकर लिखना है.

अब आप फिर से अपने बेसिक बुक पर जाइए और सवाल के हिसाब से देखिए किस टॉपिक से कितने सवाल आए हैं. जिस टॉपिक से ज्यादा सवाल आएं हैं उसे पहले तैयार कीजिए. सवाल के जवाब ही आपके नोट्स हैं. अब आपको करना ये है कि किसी भी सवाल को आप अलग-अलग तरीके से खुद बनाइए और उसका जवाब बेसिक किताब में ढूढ़िये. जैसे ही जवाब मिले उसे कॉपी में लिख लें. हो सके तो नोट्स में सवाल को भी लिखते चलें. क्योंकि इस टॉपिक से सवाल आ रहे हैं मतलब कमीशन चाहता है कि आपकी इस टॉपिक पर अच्छी पकड़ होनी चाहिए. और इस टॉपिक से परीक्षा में सवाल आने के चांसेज भी ज्यादा हैं. जो टॉपिक कम महत्वपूर्ण लग रहे हैं उस पर ज्यादा वक्त ना लगाएं. क्योंकि अगर इस टॉपिक से सवाल आएगा तो सिर्फ आप नहीं बाकि प्रतियोगी छात्रों को भी दिक्कत होगी. सफल वही होता है जो कॉमन सवालों को गलत नहीं करता है. विशेष के चक्कर में रहेंगे तो कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे.

अब आपको समझ में आएगा कि बहुत से ऐसे सवाल हैं जिसका आपके बेसिक किताब में जवाब नहीं हैं. तब आप दूसरी किताब की मदद लें. ध्यान दें मदद स्तरीय किताब से लें ना कि बाजार में मिलनेवाली किसी गाइड से. और इस बात पर जरूर ध्यान दें कि आपको दूसरी किताब पूरी नहीं पढ़नी हैं. सिर्फ उतना ही पढ़ना है और उसे अपने नोट्स में शामिल करना है जिसका जवाब आपको अपनी बेसिक किताब में नहीं मिला है.

एक बात हमेशा ध्यान में रखें आपके नोट्स में हर टॉपिक के साथ कम से कम 5 पन्ने प्लेन होने चाहिए. क्योंकि जैसे-जैसे आपके पढ़ाई का स्तर बढ़ेगा आपको इस टॉपिक से जुड़े नए-नए फैक्ट मिलेंगे. जैसे ही कोई नया फैक्ट मिले उसे फौरन अपने नोट्स में जोड़ लीजिए. इसलिए सलाह यही दी जाती है कि नोट्स हमेशा A-4 साइज की प्लेन शीट पर बनाएं. क्योंकि जैसे-जैसे कोई फैक्ट आपको मिले आप जरूरत के हिसाब से शीट बढ़ा सकें. अगर आपको इस टॉपिक से जुडा कोई ड्राइग्राम या फिर फीगर मिलता है तो आप उसे सीधा फोटो कॉपी कराकर नोट्स में एड कर लीजिए.

इस छोटी-सी एक्सरसाइज से आप एक स्तरीय नोट्स बना सकते हैं. फिर आपको बेवजह की 10 किताबें पढ़ने की जरूरत नहीं होगी. एक बार मेहनत करके आप एक ऐसा नोट्स तैयार कर लेंगे जो हमेशा आपके काम आएगा. लेकिन हां, एक बात का ध्यान रखें बीच-बीच में आपको अपनी बेसिक किताब को पढ़ते रहना चाहिए. क्योंकि ये अनुभव रहा है कि आप एक ही किताब को जितनी बार पढ़ेंगे आपको नई चीज मिलेगी. आपका कांसेप्ट क्लियर होगा. फालतू की और ज्यादा से ज्यादा किताबों को पढ़ने से बचें। क्योंकि मोर स्टडी, मोर कंफ्यूजन वाली कहावत तो आपको पता ही होगी.

अगर आपको हमारी ये टिप्स पसंद आई तो इसे ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर करें. क्योंकि बहुत-से ऐसे प्रतियोगी छात्र और छात्राएं हैं जो इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि वो नोट्स कैसे बनाएं?  

Tuesday, 19 December 2017

CSAT के बाद हिन्दी मीडियम के छात्र क्यों नहीं बन पा रहे IAS? विश्लेषण

    UPSC की सिविल सर्विसेज परीक्षा में जब से CSAT लागू हुआ है हिन्दी मीडियम के छात्रों के कामयाबी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। ये सोचने वाली बात है कि ऐसा क्यों है? आखिर क्यों CSAT से पहले हिन्दी मीडियम के छात्रा ज्यादा सेलेक्ट होते थे और सी-सैट के बाद से उनकी कामयाबी का ग्राफ लगातार गिरता ही जा रहा है। आइए इसके पीछे के कुछ कारणों का बिन्दुवार विश्लेषण करते हैं।

    1-प्रारंभिक परीक्षा से विषय का हटना:-

    सी-सैट से पहले प्रारंभिक परीक्षा में एक वैकल्पिक विषय और सामान्य अध्ययन का पेपर होता था। हिन्दी मीडियम के छात्र वैकल्पिक विषय में अच्छा नंबर पा जाते थे और प्रारंभिक परीक्षा की मेरिट में स्थान बना लेते थे। हालाकि वैकल्पिक विषय को लेकर स्केलिंग पद्धति हमेशा एक अबूझ पहेली थी, जिसकी वजह से हिन्दी मीडियम के छात्र भी विषय को हटाने की मांग करते थे। लेकिन सी-सैट लागू होने के बाद हिन्दी मीडियम के छात्रों को ये दांव उल्टा पड़ गया।   

    2-मुख्य परीक्षा से दो विषयों का हटना-

    जैसा कि आपको पता होगा कि जब से सी-सैट लागू हुआ तभी से मुख्य परीक्षा से दो विषयों को हटाकर एक विषय कर दिया गया है। पहले दो विषयों में हिन्दी मीडियम के छात्र अच्छा नंबर खींच लेते थे। उन्हें स्केलिंग का भी फायदा मिल जाता था। जिससे उन्हें इंटरव्यू देने का मौका मिल जाता था। विषय होने से हिन्दी मीडियम के छात्रों को एक फायदा ये भी था उन्हें पेपर की भाषा अासानी से समझ में आज जाती थी क्योंकि पेपर की भाषा उतनी कठिन नहीं थी जितनी आज के सामान्य अध्ययन के पेपरों की होती है। लिहाजा पेपर को आसानी से समझकर उसका उत्तर लिखा जा सकता था।


    3-हिन्दी मीडियम में सामान्य अध्ययन की अच्छी कोचिगों का आभाव-

    दिल्ली की मुखर्जीनगर को IAS के हिन्दी मीडियम छात्रों का मक्का माना जाता रहा है। लेकिन अब ऐसा नहीं है। मुखर्जीनगर हिन्दी मीडियम के छात्रों का गढ़ भी इसलिए बन पाया था क्योंकि यहां पर विषय के अच्छे टीचर थे। विषय के अच्छे टीचरों की वजह से ही मुखर्जीनगर में छात्रों का जमावड़ा हुआ। लेकिन सी-सैट के बाद ये टीचर खुद को नए सैलेबस के अनुसार ढाल नहीं पाए। आप माने या माने लेकिन ये सच है कि सामन्य अध्ययन के सारे पेपरों के लिए जितनी अच्छी किताबें और टीचर अंग्रेजी माध्यम में उपलब्ध है उतने हिन्दी में नहीं है। और दुर्भाग्य ये है कि मुखर्जीनगर में जो टीचर हैं वो सब विषय के विशेषज्ञ रहे हैं ना कि सामान्य अध्यन के। इस वजह से सी-सैट लागू होने के बाद ये सारे विषय विशेषज्ञ पैदल हो गए। अब ये टीचर सिर्फ छात्रों को ठगकर पैसा कमा रहे हैं। असलियत ये है कि इन्हें अगर IAS के सामान्य अध्ययन का कोई भी पेपर सॉल्व करने के लिए दे दीजिए इनके हाथ-पांव फूल जाते हैं।

    हिन्दी मीडियम के छात्रों की कठिनाइयों पर हम आगे भी बात करेंगे। उसका निदान भी बताएंगे। फिलहाल आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप 2016 में आईएएस में सलेक्ट अनीता यादव की कॉपी देख सकते हैं। अनीता ने कॉपी Vision ias कोचिंग में टेस्ट सीरिज लिखने दौरान लिखी थी। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं IAS की मुख्य परीक्षा में हिन्दी मीडियम के छात्रों की कॉपी किस लेवल की होनी चाहिए। 


    दोस्तों अगर आपको हमरा ये विश्लेषण पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए फेसबुक शेयर का बटन दबाएं। ताकि हिन्दी मीडियम के छात्रों तक ये मैसेज जाए और उनके सामने आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए एक व्यापक रणनीति बनाई जाए।


    ANITA YADAV RANK-350, 2016 (HINDI MEDIUM)


Thursday, 14 December 2017

अगर IAS बनना है तो ना करें ये 10 गलतियां?

1-बिना सोचे-विचारे तैयारी शुरु करना
हर छात्र की तैयारी की अपना स्तर और क्षमता होती है। अगर आप सिर्फ दूसरों की नकल करके तैयारी की शुरुआत करेंगे तो आप IAS नहीं बन सकते हैं क्योंकि हर इंसान का आईक्यू अलग-अलग होता है। मतलब अगर आपके परिचित में कोई IAS बन जाता है तो ऐसा नहीं कि आप भी IAS बन जाएंगे। या फिर आपके रिश्तेदारी में आप से कम पढ़नेवाला कोई छात्र IAS की परीक्षा में सेलेक्ट हो गया तो आप भी सेलेक्ट हो जाएंगे। किसी भी छात्र की अंदरूनी क्षमता कोई नहीं आंक सकता है। लिहाजा अगर आपको लगता है कि आप सच में आईएएस की परीक्षा पास कर सकते हैं तभी तैयारी करें। इसके लिए आप पुराने अनसॉल्व पेपर के साथ सेलेबस देंगे और फिर मंथन करें कि आप क्या इस लेवेल की तैयारी कर पाएंगे।

2-तैयारी से पहले रणनीति नहीं बनाना
बिना विचारे जो करें वो पाछे पछताए। ये कहावत तो सुनी होगी आपने। अगर आप भी बिना विचारे तैयारी शुरू करेंगे तो आपको बाद में पछताना पड़ेगा। इसलिए पहले आईएएस परीक्षा का लेवल देख लें फिर अपनी क्षमता देखकर ही तैयारी शुरु करें। नहीं सारे प्रयास खत्म होने के बाद पछताएंगे तो कुछ नहीं मिलेगा। वक्त भी जाएगा और कांफिडेंस भी।

3-प्रमाणिक किताबों को नहीं पढ़ना
गाइड से आईएएस परीक्षा की तैयारी अगर आप करने की सोच रहे हैं तो तैयारी बिल्कुल भी ना करें। क्योंकि आईएएस परीक्षा के सवाल किसी गाइड से नहीं आते हैं और ना ही वो किसी सेट पैटर्न पर आते हैं। इसलिए आपको अपने आप को इतना ग्रुम करना होगा कि आप गाइड के स्तर से ऊपर निकल सकें। इसलिए सिर्फ और सिर्फ प्रामाणिक किताबों का अध्यन करें और ज्यादा किताब पढ़ने से बेहतर है कि आप एक ही किताब को बार-बार-बार पढ़ें। जबतक आपका कांसेप्ट क्लियर नहीं हो जाता।

4-ग्रुप बनाकर नहीं पढ़ना
आईएएस बनने के बाद आपको  टीम वर्क में काम करना होता है। इसलिए इस तैयारी के लिए जरुरी है कि आप टीम बनाकर पढ़ें। इसके कई फायदें हैं। एक तो आपको सही मार्गदर्शन मिलता रहेगा और फालतू के निगेटिव विचारों से बचेंगे। साथ ही ऐसी बहुत से टॉपिक जो आपको समझ में नहीं आ रहे हैं ग्रुप में पढ़ने पर जल्द क्लियर हो जाते हैं। बस ग्रुप बनाते समय इस बात का ध्यान दें कि सभी लोग सीरियस हों। वर्ना ये ग्रुप अय्याशी का अड्डा बन जाएगा।

5-दूसरे के Study Plan को Follow करना
दुनिया में हर इंसान की प्रवृति अलग होती है। कोई नोट्स बनाकर पढ़ता है तो कोई किताब से ही पढ़ लेता है। इसलिए कभी-भी दूसरों का स्टडी प्लान कॉपी नहीं करें। इसमें फायदा कम और नुकसान ज्यादा है। अपना खुद का स्टाइल डेवलप करें।

6-टाईम टेबल बनाकर नहीं पढ़ना
बहुत से छात्रों की शिकायत होती है कि वो पढ़ते तो बहुत हैं लेकिन सलेक्शन नहीं होता है। दरअसल होता ये है कि ऐसे छात्र एक ही विषय पर बहुत ज्यादा वक्त दे देते हैं। इसलिए टाईम टेबल बनाकर पढ़िए। अपनी पढ़ाई को एक निश्चित टाइम फ्रेंम में बांधने की कोशिश कीजिए। इससे फायदा ये होगा कि आपका समय बचेगा और सभी विषयों पर बराबरी से आप वक्त दे पाएंगे।

7-जरुतर से ज्यादा नोट्स जुटाना
तैयारी करने वाले छात्रों की सबसे बुरी आदत होती है व्यर्थ के नोट्स जुटाना। कोई सेलेक्ट हो गया तो उसके नोट्स के चक्कर में पड़ जाते हैं। मौका मिलते ही उसे फोटो कॉपी कराने लगते हैं। दरअसल ऐसे छात्र अपनी पढ़ाई से ज्यादा दूसरों की पढ़ाई पर ध्यान देते हैं। उन्हें लगता है अगर कोई सेलेक्ट हो गया तो उसका नोट्स बहुत अच्छा होगा। ऐसे लोगों को सलाह है कि ऐसा नहीं है कि IAS Topper और IAS में सफल होनेवाले के नोट्स में कोई ज्यादा फर्क होता है। एक ही कोचिंग से पढ़े छात्रों में कोई सफल होता है और कोई सफल नहीं होता है। ऐसे में ये ध्यान रखना चाहिए कि आप जो कुछ भी पढ़ रहे हैं उस पर आपका कांफिडेंस है कि नहीं। विषय आपको क्लियर हो रहे हैं कि नहीं। इसलिए दूसरों के नोट्स उतना ही जुटाएं जितना पढ़ सकें। वैसे अपना नोट्स सबसे अच्छा होता है। अगर आप खुद के नोट्स बनाएंगे तो इससे बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता।

8-दो से ज्यादा न्यूज पेपर पढ़ना
मोर स्टडी मोर कंफ्यूजन। ये कहावत तो आपने सुनी होगी। अगर आप दो से ज्यादा न्यूज पेपर पढ़ रहे हैं तो आप अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। कोशिश करें सिर्फ दो न्यूज पेपर पढ़ें। जिसमें से एक हिन्दी और एक अंग्रेजी हो। सिर्फ वही पढ़ें जो परीक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हो।

9-असफल लोगों से सलाह लेना
असफल लोगों से बात जरुर करें लेकिन उनसे सलाह ना लें। बात करने से फायदा ये होगा कि आप ये जल्द समझ जाएंगे कि कहां पर गलती करने से ये लोग सफल नहीं हुए हैं। लेकिन अगर आप अफसल लोगों से सलाह लेंगे तो आपको बहुत नुकसान होगा। क्योंकि असफल इंसान अपनी गलती कभी नहीं मानता तो सिर्फ दूसरों पर सारी तोहमत मढ़ता रहता है। मतलब कमीशन में बेइमान लोग बैठे हैं। कोचिंग में ठीक से नहीं पढ़ाया गया। वगैरह-वगैरह।

10-खुद पर भरोसा नहीं करना
IAS की तैयारी का पहला मंत्र हैं खुद की तैयारी भरोसा रखना। अगर आप खुद पर यकीन नहीं करते तो आप तैयारी की सोचिए भी नहीं। क्योंकि ये परीक्षा ही नेतृत्व क्षमता की तलाश के लिए ली जाती है। और जो इंसान खुद पर कांफिडेंस नहीं है वो दूसरों का नेतृत्व कभी नहीं कर सकता है।

तो दोस्तों ये थी वो 10 गलतियां जिसे करने पर आप IAS की रेस से बाहर हो सकते हैं। इसलिए आज ही इन गलतियों से बचे। और हां। अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया पर शेयर करें, ताकि जो लोग इस परीक्षा की तैयारी कर रहेे हैं उन तक सही मैसेज पहुंच सके। 

Tuesday, 12 December 2017

हिन्दी मीडियम से पढ़े आशुतोष बने भारतीय सेना में अफसर, प्रेरणादायक कहानी

गांव का छोरा बन गया भारतीय सेना में अफसर। हिन्दी मीडियम से पढ़े होनहार आशुतोष मौर्य ने लेफ्टिनेंट बनकर पूरे इलाहाबाद का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। NDA देहरादून से प्रशिक्षण के बाद हुये पासिंग आउट परेड में आशुतोष को लेफ्टिनेंट के पद से नवाजा गया। पासिंग आउट परेड में जब घरवालों ने आशुतोष को सेना की वर्दी में देखा तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
पासिंग आउट परेड के बाद अपने परिवार वालों के साथ आशुतोष
तीन भाई व एक बहन में सबसे बड़े आशुतोष साधारण परिवार से आते हैं। पिता विनोद कुमार मौर्य सहायक अध्यापक और माता आंगनवाड़ी कार्यकत्री हैं। दादा जगदेव प्रसाद उच्च प्राथमिक विद्यालय सिकंदरा में पूर्व प्रिसिंपल रहे हैं।
जश्न मनाते कैडेट्स, फोटो सौजन्य- हिन्दुस्तान टाइम्स
आशुतोष ने अपनी शिक्षा इलाहाबाद के स्कूल सेठ गयादीन इंटरमीडियट कालेज मैलहा से ली है। यहाँ से उन्होंने सन 2010 में हाई स्कूल और 2012 में इंटर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया था। वो बचन से ही सेना में जाना चाहते थे। 2 जनवरी 2014 को एनडीए परीक्षा पास कर वो पुणे प्रशिक्षण प्राप्त करने गए।
IMA देहरादून, हर नौजवान का सपना
प्रशिक्षण के बाद उन्हें इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) देहरादून भेजा गया। कठिन ट्रेनिंग के बाद 9 दिसंबर को पासिंग आउट परेड में उनका सपना पूरा हुआ। देश को लेफ्टिनेंट के रूप में आशुतोष एक नए जांबाज अफसर के रूप में मिले हैं। आशुतोष उन नौजवानों के लिए आदर्श हैं जो गांव में रहकर सेना में अफसर बनने का सपना देखते हैं। आशुतोष उन लाखों हिन्दी मीडिया से पढ़ने वाले छात्रों के लिए रोल मॉडल हैं जो NDA जैसी परीक्षा की तैयारी इसलिए नहीं करते कि उनकी अंग्रेजी कमजोर है।

NOTE:- आशुतोष के जज्बे को हम सलाम करते हैं। आप भी इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा फेसबुक और सोशल मीडिया पर शेयर करके आशुतोष की इस कहानी को भारत के कोने-कोने तक पहुचाएं। और भारतीय सेना के इस नए जांबाज अफसर को अपनी शुभकामनाएं दें।

Thursday, 13 July 2017

पिछले 4 साल के IAS टॉपर्स की कॉपी देखकर जानिए कोई IAS में क्यों सफल होता है?

दोस्तों क्या आप लोगों के मन में भी ये ख्याल आता है कि IAS Topper ऐसा क्या लिखते हैं कि वो परीक्षा में टॉप कर जाते हैं? आखिर उनकी कॉपी में ऐसा क्या होता है कि उन्हें परीक्षा में ज्यादा नंबर मिलते हैं? वो प्रश्नों की शुरुआत और प्रश्नों का अंत कैसे करते हैं? किसी भी मुद्दे पर लिखते समय वो किन बातों का ध्यान रखते हैं। अगर आपके मन में भी ये सभी सवाल कौंधते हैं तो हम आपकी मदद कर सकते हैं।

आपको करना बस इतना है कि आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके 2013 से लेकर 2016 तक के उन सभी टॉपर की कॉपी देख सकते हैं जिन्होंने इतिहास रच दिया है। हमारी सलाह है कि आप पिछले चार साल के इन टॉपरों की कॉपी को ना सिर्फ डाउनलोड कर लें बल्कि हो सकते तो इसका प्रिंट आउट भी निकालकर अपने पास रख लें। और रखे ही ना इसे हफ्ते में एक बार वक्त निकालकर जरूर पढ़ें।

पढ़ने समय इस बात का विश्लेषण जरूर करें कि 2013, 2014, 2015 और 2016 के टॉपरों की कॉपी में क्या समानताएं और क्या अंतर। इससे फायदा ये होगा कि आपको एक बात साफतौर पर पता चल जाएगी कि आपको अपनी क्या चींज़ जरूर से शामिल करनी हैं। साथ ही आपको ये भी अंदाजा लग जाएगा कि जब मेंस में उत्तर लिखना शुरू करें तो सबसे उसमें किन तथ्यों को जरूर शामिल करें। इस तरीके से टॉपरों की कॉपी का विश्लेषण करने से आपको ये भी पता चल जाएगा कि आपको मेंस परीक्षा में लिखते समय क्या नहीं लिखना है? थोड़ा कठिन काम है लेकिन अगर आप ने एक्सरसाइज कर ली तो यकीन मानिए आपकी कॉपी भी किसी टॉपर से कम नहीं होगी।  

पिछले 4 साल के टॉपरों की कॉपी देखने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें। ये वो कॉपी है जो इन टॉपरों ने Vision IAS की मेंस सीरिज में लिखी थी। 

2016

ANMOL SHER SINGH BEDI RANK-2, 2016

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Thursday, 4 May 2017

UP LOWER PCS में कैसे मिलेगी सफलता? कैसे बनाएं तैयारी की रणनीति? By Ashish Mishra Sir

साभार:- Ashish Mishra Sir (SPECIAL CLASSES)
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दोस्तों आशीष मिश्रा सर प्रतियोगी छात्रों के बीच एक लोकप्रिय चेहरा हैं। सर का फेसबुक पर एक ग्रुप भी UP PCS Special classes (by Ashish Mishra ) के नाम से। सर का You tube channel Special Classes नाम से है जिस पर सर प्रतियोगी परीक्षाओं की रणनीति और मैटेरिल छात्रों को उपलब्ध करा रहे हैं। नीचे जो लेख है वो सर के उसी यूट्यूब चैनल से साभार लिया गया है। सर के वीडियो को सुनकर उसे बस टेस्ट्स में टाइप किया गया है। आप इससे मदद ले सकते हैं। हमें उम्मीद है कि आशीष सर को हमारा ये प्रसाय पसंद आएगा। अगर सर को कोई भी दिक्कत होगी तो हम इसे पोस्ट को हटा देंगे।  

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LOWER PCS की पूरी डिटेल, सेलेबस, कट ऑफ, बुक्स, रणनीति

आज हम आपको Lower PCS (लोअर पीसीएस) के बारें में बताएंगें। ये जो Exam (एक्जाम) है उसे UPPSC आयोग, जो इलाहाबाद में है, कराता है। बात करेंगे पेपर की। पेपर तीन चरणों में होता है।

1-प्री
2-मेंस
3-इंटरव्यू

ये जो लोअर पीसीएस की पोस्ट होती हैं। सप्लाई इंस्पेक्टर, मार्केटिंग इंस्पेक्टर, शूगर केन इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर एक्साइज, कस्टम तमाम पोस्ट होती हैं। लगभग 4600 पे ग्रेड, 4200 पे ग्रेड, 2800 पे ग्रेड। ये सारी पोस्ट होती हैं। 

तो अगर बात करते हैं प्रीलिल्म की तो प्रीलिम्स का जो पेपर होता है वो होता है 150 क्वेश्चन का। 150 क्वेश्चन का जो पेपर होता है वो 2 घंटे का होता है। जो मार्क्स होते हैं वो 300 के होते हैं। 2015 में लोअर पीसीएस का फार्म आया हुआ था उसका एक्जाम हुआ था 17 जनवरी 2016 को। जो जनरल की मेरिट गई थी वो 300 नंबर में 199 गई थी। महिला और एससी की जो मेरिट गई थी वो 300 नंबर में 182 गई थी।

अब बात करते हैं मेंस की। मेंस का पेपर दो चरणों में होगा। पहला पेपर 2 घंटे का होगा। 120 सवाल होंगे और 200 नंबर का होगा। दूसरा पेपर तीन घंटे और 200 नंबर का होगा। निबंध इसी में आएगा।

अब बात करते हैं लोअर पीसीएस के प्री के सलेबस की।

1-History of India & Indian National Movement
2-India & World Geography
3-Indian Polity and Governance मलतब भारतीय राजव्यवस्था और प्रशासन
4-Indian Economy and Social Development
5-Current Affairs इसमें देश और विदेश से जुड़े सवाल आएंगे।
6-Gernal Science
7-Elementry Math
8-Uttar Pradesh

कौन-कौन सी किताब पढ़ें? (Books for UPPPCS Lower PCS EXAM in Hindi)

           किताब
 लेखक
History of India & Indian National Movement
एस. के. पांडे, 2005 के पहले की NCERT
India & World Geography
NCERT 9 और 10 क्लास की और महेश वर्णवाल
Indian Polity and Governance
एम. लक्ष्मीकांत या वाणी
Indian Economy and Social Development
रमेश सिंह या वाणी या घटना चक्र
Current Affairs
क्रानिकल, निर्देशक साइट से
Gernal Science
लुसेंट की साइंस वाली किताब
Elementry Maths
आर. एस. अग्रवाल या घटना चक्र की स्पेशल की किताब आती है वो ले लें।
Utter Pradesh
घटनाचक्र यूपी स्पेशल

UP Lower PCS Mains Syllabus

अब बात करते हैं मेंस की। दो पेपर होता है। पहला पेपर 2 घंटे का होता है 200 नंबर का होता। 120 सवाल आते हैं। इसमें पहला है-

1-रिजनिंग और गणित
2-मानसिक योग्यता
3-स्टैटिकल एनालाइसिस
4-कंप्यूटर नॉलेज
5-जनरल अवेयरनेस और इंडियन कांस्टीश्यूशन
6-गांधी जी की विचारधाराएं
7-यूपी से जुड़े स्पेशल सवाल
8-कम्यूनिकेशन स्किल, इंटरपर्सनल स्क्लि
9-जनरल साइंस
10-जनरल ह्मूमेन बिहैवियर
11-करेंट अफेयर्स

इन सभी टॉपिक से मिलाकर 120 सवाल आएंगे।

अब दूसरे पेपर की बात करते हैं यानि मेंस का सेकेंड पेपर। ये भी दो भागों में होगा।
100-100 नंबरों में बंटा रहेगा। तीन घंटे का होगा।
1-सामान्य हिन्दी
2-हिन्दी निबंध

सामान्य हिन्दी का सेलेबस

1-अपठित गद्यांश
2-शासकीय, अर्द्धशासकीय पत्र
3-अनेकार्थी, विलोम, पर्यायवाची, तद्भव-तत्सम, देशी-विदेशी शब्द, वर्तनी शुद्धि, संधि, क्रिया शब्द रचना, मुहावरा लोकोक्तियां, उत्तर प्रदेश की मुख्य बोली, हिन्दी भाषा के अनुप्रयोग।

हिन्दी निबंध का सलेबस

अब बात करते हैं निबंध की। निबंध 100 नंबर का होगा। दो निबंध लिखने होंगे। इसमें ज्यादा से ज्यादा नंबर आपको लाना है अगर आप अच्छी पोस्ट चाहते हैं तो।

अब बात करते हैं निबंध में कहां से प्रश्न आता है।

1-साहित्य संस्कृति
2-राष्ट्रीय विकास योजनाएं एवं क्रियान्वयन
3-कृषि उद्योग एवं व्यापार
4-विज्ञान और पर्यावरण
5-प्राकृतिक आपदा एवं उनके निवारण
6-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक समस्याएं एवं निदान

मेंस के लिए किताबें (Book for UP Lower PCS Mains Exam in Hindi)
           किताब
 लेखक
सामान्य हिन्दी
हरदेव बाहरी, पीएन पांडेय
शासकीय और अर्द्धशासकीय
राजकाज में हिन्दी हरदेव बाहरी
संक्षेपण व पत्र-लेखन (आदित्य पब्लिकेश)
निबंध
अभिव्यक्ति
निबंध मंजूषा
रोज पेपर का एडिटोरियल


आखिर में होता है इंटरव्यू। इसकी चर्चा हम बात में करेंगे। इस पर विस्तार से बात करनी होगी।

(UP PCS (LOWER PCS) !! लोअर पी सी यस की पूरी डिटेल , सिलेबस , कट ऑफ , बुक्स ,रणनीति आप यहां आशीष सर के Youtube Channel पर देख सकते हैं।


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